भारत में लेजर बेस्ड वेपन का सफल ट्रायल, हॉलीवुड मूवी ‘स्टार वार्स’ जैसा मचाएगा तहलका

भारत ने रविवार को लेजर बेस्ड ऊर्जा हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया और इस तरह वह उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया, जिनके पास दुश्मन के ड्रोन और मानवरहित विमानों को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक हथियार हैं. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि हथियार प्रणाली का परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में किया गया.

डीआरडीओ ने कहा कि भारत उन चंद देशों में से एक है जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली विकसित कर रहे हैं. अमेरिका, चीन और रूस को ऊर्जा हथियार प्रणाली विकसित करने के लिए जाना जाता है.

लेजर बेस्ड हथियार का सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, डीआरडीओ ने रविवार को कुरनूल में वाहन पर लगे लेजर बेस्ड हथियार (डीईडब्ल्यू) एमके-दो (ए) के भूमि संस्करण का सफल फील्ड प्रदर्शन किया. पोस्ट में कहा गया है, इसने फिक्स्ड विंग यूएवी और स्वार्म ड्रोन को सफलतापूर्वक हराया, जिससे स्ट्रक्चरल डैमेज हुई और निगरानी सेंसरों को निष्क्रिय कर दिया गया.

ग्लोबल पावर्स के ग्रुप में शामिल भारत

इस सफल परीक्षण के साथ ही देश उन ग्लोबल पावर्स के ग्रुप में शामिल हो गया है, जिनके पास हाई पावर वाली लेजर आधारित डीईडब्ल्यू प्रणाली है. सरकार भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए बेस्ड ऊर्जा हथियारों (डीईडब्ल्यू) और हाइपरसोनिक हथियारों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है. भारतीय वायु सेना पहले से ही इन हथियार प्रणालियों को हवाई प्लेटफार्म में एकीकृत करने की दिशा में काम कर रही है.

कैसे काम करता है लेजर हथियार?

बता दें कि एक बार रडार या इसके इनबिल्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिक (ईओ) सिस्टम द्वारा पता लगाए जाने के बाद, लेजर-डीईडब्ल्यू लाइट के रफ्तार से टारगेट को निशाना बना सकता है. यह टारगेट को नष्ट के लिए शक्तिशाली लेजर बीम का उपयोग करता है. इस प्रकार के अत्याधुनिक हथियार महंगे गोला-बारूद पर निर्भरता को कम करके युद्धक्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *